Add To collaction

लेखनी कहानी -22-Jul-2022


आओ प्रियतम बैठो थोड़ा
मुझसे भी दो पल बात करो
कुछ मन अपना हल्का कर लो
साझा अपने जज्बात करो।

कभी तो नाश्ते की टेबल पर
एक कप चाय मेरे साथ पियो
मैंने सजाया है कमरा यादों से
कभी यादों को मेरे साथ जियो।

फोन करना कभी लंच करते हुए
मैं भी साथ इधर खा लूंगी
देखकर न सही सुनकर ही सही
मैं कर्तव्य ये निभा लूंगी।

शाम होते ही मेरे सीने में
ये घड़ी की सुई धड़कती है
एकटक देखते हुए खिड़की से
ये निगाहें तुम्हें परखती हैं

   17
20 Comments

Khan

25-Jul-2022 09:49 PM

😊😊😊

Reply

Anshumandwivedi426

26-Jul-2022 09:50 PM

Thanks

Reply

Aniya Rahman

24-Jul-2022 10:15 PM

Nyc

Reply

Anshumandwivedi426

24-Jul-2022 10:21 PM

Thanks

Reply

Seema Priyadarshini sahay

24-Jul-2022 04:13 PM

बहुत खूबसूरत

Reply

Anshumandwivedi426

24-Jul-2022 10:02 PM

सादर धन्यवाद

Reply